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My sister in law story(Hindi) मेरी भाभी की कहानी

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दोस्तो,



मेरा नाम अनस सिद्दीकी है, मैं यू पी में रहता हूँ.



मैं 23 साल का हूँ, दिखने में ठीक हूँ. मेरा लंड 5 इंच का है और मैं बहुत मजाक पसंद युवा हूँ.



मेरे घर पर अम्मी-अब्बू, भाई और भाभी हैं.



 



18 Kami पे पर ये मेरी पहली सेक्स कहानी है.



ये हॉट भाबी Xxx स्टोरी एक साल पहले की है.



 



मेरी भाभी का नाम आफिया है, वह 26 साल की हैं.



 



भाभी बहुत खूबसूरत हैं. उनकी चूचियां काफी बड़ी हैं व उनकी गांड बाहर को निकली हुई है.



भाभी सच में पटाखा माल लगती हैं.



 



मेरा बड़ा भाई दिल्ली में नौकरी करता है



 



उस दिन अम्मी अब्बू किसी काम से चार दिन के लिए बाहर गए थे.



तब घर पर मैं और भाभी ही रह गए थे.



 



बरसात का मौसम था, छत पर कपड़े सूखने पड़े थे.



तभी बारिश आ गयी, भाभी कपड़े लेने छत पर गईं और नीचे आते आते वे पूरी भीग गईं.



 



उनकी जुल्फों से पानी की बूंदें टपक रही थीं.



कपड़े रख कर वे अपने कपड़े चेंज करने चली गईं.



 



थोड़ी देर बाद भाभी मेरे कमरे में आईं और बोलीं- अनस मुझे सर्दी लगकर बुखार आ रहा है.



 



मैंने देखा कि बाहर बारिश अभी भी तेज हो रही थी और उस समय डॉक्टर भी नहीं मिलता, तो मैंने उन्हें घर पर रखी एक पेरासीटामोल वाली दवा दे दी और उनको कमरे में सोने के लिए कह दिया.



 



थोड़ी देर बाद मैं भाभी को देखने गया.



उधर उन्हें देखा तो पाया कि उनको और तेज सर्दी लग रही थी और वे कंपकंपा रही थीं.



 



मैंने झट से चाय बना कर उनको गर्मागर्म चाय दी.



चाय पीने से भी उनको आराम नहीं मिला तो मैं उनके हाथ मलने लगा.



 



थोड़ी देर बाद वे आंख बंद करके सो सी गईं.



मगर उनका शरीर अभी भी कंपकंपा रहा था.



 



मैं अभी भी उनकी हथेली को अपने हाथ से मल रहा था.



 



तभी भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने पास लेट जाने का इशारा किया.



 



मैं उनके साथ चिपक कर लेट गया और उनके बालों पर हाथ फेरने लगा.



उनके गालों को चूमने लगा.



उनके मुँह से गर्म गर्म हवा आ रही थी.



 



वे मैक्सी पहने हुई लेटी थीं.



उन्होंने करवट लेकर अपनी टांगें मेरी टांगों में लपेट दीं.



 



मैंने भी उन्हें अपनी बांहों में भर लिया और उनकी सर्दी को दूर करने की कोशिश करने लगा.



 



ये एक तरह से आग और भूसे का मिलन था.



मेरे सीने पर मुझे भाभी की चूचियां उत्तेजित करने लगी थीं.



 



मुझसे न रहा गया और मैंने एक हाथ उनकी टांगों के बीच में डाल दिया.



 



उन्होंने भी अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया.



मैंने भाभी की चूत पर हाथ फेरने लगा.



 



थोड़ी देर बाद आफिया भाभी मेरा साथ देने लगीं.



मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों को चूमने लगा.



 



थोड़ी देर बाद वे भी गर्म हो गईं और मुझे चूमने लगीं.



इससे उनकी सर्दी खत्म हो गई और अब वे मस्ती करने लगी थीं.



 



मैंने उनकी मैक्सी उतार कर अलग कर दी और उनके एक चूचे को मुँह में लेकर चूसने लगा.



 



हॉट भाबी मेरा साथ देने लगीं.



उन्होंने मुझे अपने ऊपर से उतार दिया और मेरे नीचे अपना मुँह लगा कर 69 में हो गईं.



 



मैं भाभी की चूत चूसने लगा.



उनकी चूत का गर्म पानी बड़ा स्वादिष्ट था.



 



Xxx भाबी अपनी चूत चुसवाने से और ज्यादा गर्म हो गईं और अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ने लगीं.



 



मैं भाभी की चूत में उंगली करने लगा, तो उनकी आह निकलने लगी.



भाभी ‘उई … उई अम्मी … ओह्ह्ह्ह अम्मी अह..’ चिल्ला रही थीं.



 



मैंने सीधे होकर अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया.



 



वे भी मेरा साथ दे रही थीं और जल्द ही पूरे कमरे में चूत से निकलती आवाज पचा पच गूँजने लगी थी.



बारिश भी अपने शवाब पर थी.



 



मैं भाभी के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर तेज तेज झटके देने लगा.



 



भाभी भी मस्ती में आवाज निकाल रही थीं- आह चोदो … और तेज चोदो … अनस बहुत मजा आ रहा है.



उनकी चूत से पानी निकलने लगा.



 



मैंने महसूस किया कि चूत में चुतरस भर जाने के कारण लंड को अन्दर बाहर करने में कुछ खास मजा नहीं आ रहा था.



 



जब तक लौड़े को चूत की रगड़ न मिले, तब तक चुदाई में मजा ही नहीं आता है.



 



मैंने चूत से लंड बाहर निकाला और चादर का एक सिरा पकड़ कर भाभी की चूत में उंगली की मदद से डाल दिया और चूत के पानी को पौंछने लगा.



 



अब भाभी की चूत एकदम सूख गई थी.



मैं चित लेट गया और भाभी को इशारा किया कि आओ भाभीजान लौड़े की सवारी करो.



 



भाभी मेरे इशारे को समझ गईं और मेरे लंड के ऊपर अपनी चूत सैट करने लगीं.



 



मैंने भी अपने लंड को उनकी चूत में पिरो दिया और वे लंड पर कूदने लगीं.



 



आफिया के दोनों चूचे मस्त हिल रहे थे, तो मैं एक को मुँह से चूसने लगा और दूसरे को हाथ से भींच कर मसलने लगा.



भाभी की चूत में देवर का लंड पूरी गहराई तक जा रहा था.



 



मुझे बेहद मजा आ रहा था.



भाभी मेरी छाती पर अपनी छातियां झुलाती हुई मेरे लंड को अपनी चूत से चूस रही थीं.



 



पूरा कमरा चुदाई की आवाजों से गूंज रहा था ‘अह्ह्ह्हह … उई …’



भाभी की आंखों से खुशी के आंसू आ रहे थे.



 



शौहर की जुदाई से आज उन्हें आजादी मिल गई थी.



घर में ही अपने शौहर के लंड की जगह देवर का लंड चूत में आ-जा रहा था.



 



भाभी मस्ती में सीधी हो गईं और अपने दोनों हाथ हवा में उठा कर अपनी चूचियों की छटा बिखेर रही थीं.



मैंने भी उनकी गांड पकड़ कर नीचे से उनकी चूत में ठोकरें देना शुरू कर दिया था.



 



भाभी मस्ती में चिल्ला रही थीं- आह मजा आ रहा है अनस … और जोर से चोदो मुझे … उई अम्मी ओह्ह्ह अह ह्ह्ह्ह.



 



इसके बाद मैंने भाभी को डॉगी पोजीशन में आने को बोला.



वे झट से कुतिया बन गईं.



 



मैंने पीछे से लंड पेला और Xxx हॉट भाबी की चूत को चोदने लगा.



 



मैंने इस पोजीशन में भाभी की पीठ पर अपना वजन लादते हुए भाभी से पूछा- भाभी मजा आ रहा है न!



भाभी- हां यार … आज बहुत मजा आ रहा है. अब तो मेरा फिर से निकलने वाला है … तुम जल्दी जल्दी पेलो … उई अम्मी ओह्ह्ह्ह और तेज चोदो.



 



मैंने अपने हाथ भाभी के मम्मों पर रखे और उन्हें ताबड़तोड़ चोदता रहा.



वे झड़ गईं, तब भी मैं उन्हें पेलता रहा.



 



फिर भाभी ने मुझसे रुकने के लिए कहा और वे बिस्तर पर चित लेट गईं.



मैंने बिस्तर पर अपने घुटनों के बल बैठ कर उनका एक पैर अपने कंधे पर रख लिया और चूत में लंड पेल कर तेज तेज धक्के देता हुआ चोदने लगा.



 



थोड़ी देर बाद मैं बोला- भाभी मेरा निकलने वाला है.



वह बोलीं- परवाह नहीं मेरे सरताज … आह चोदो और तेज चोदो.



 



मैंने ये सुना तो उनकी एक टांग को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर तेज तेज चोदने लगा.



अब हम दोनों के मुँह से ओह्ह्ह्ह आह की आवाजें आने लगीं.



 



फिर मैं झड़ने लगा और मैंने भाभी की चूत में ही अपने लंड का पानी निकाल दिया.



 



लंड के स्खलन के बाद भी मैं भाभी को कसके पकड़ कर उन्हीं पर गिर गया और तेज तेज सांसें लेता हुआ लेटा रहा.



 



कुछ देर बाद भाभी उठीं और बाथरूम में चली गईं.



उनके जाने के बाद ही मेरी नींद लग गयी.



 



भाभी बाथरूम से कब वापस आईं और कब मेरे साथ चिपक कर लेट गईं.



मुझे कुछ होश ही न रहा.



 



जब मैं जागा तो भाभी मेरे बाजू में नंगी ही सो रही थीं.



 



उनके मम्मों पर मेरे दांत के काटने के निशान बन गए थे.



एक दो जगह तो नाखून से खुरचे जाने से खून भी आने लगा था जो खून सूखने के निशान बन कर अपनी दास्तान कह रहे थे.



 



भाभी के बाल खुले हुए थे और वे बेहद खूबसूरत लग रही थीं.



 



बाहर अब बारिश बंद हो गयी थी.



मैं उठा और मैंने अपने कपड़े उठा कर पहने.



 



मैं घर से बाहर जाकर डॉक्टर से दवा और मेडिकल स्टोर से कंडोम व गर्भनिरोधक दवा भी ले आया.



फिर दिल ने कुछ कहा, तो मैं अपनी आफिया भाभी के लिए एक अच्छी ब्रा पैंटी का सैट ले आया.



 



बारिश फिर से थोड़ी थोड़ी होने लगी थी.



घर पहुंचा, तो भाभी भाई से बात कर रही थीं.



 



उनके चाहरे पर आज एक अजीब सी खुशी थी.



उन्होंने मुझे देखा तो फोन कट कर दिया.



 



मैंने भाभी को एक दवा बच्चे ना होने की दी और एक बुखार की गोली दे दी.



साथ ही मैंने भाभी को एक पैकेट भी पकड़ा दिया.



 



उन्होंने सवालिया नजरों से पूछा कि पैकेट में क्या है?



 



मैंने कहा- रात को ये पहन लेना.



भाभी ब्रा पैंटी देख कर हंस रही थीं.



 



रात के लिए मैंने होटल से खाना बुक कर दिया था.



खाना आदि खाकर मैं अपने रूम में कुछ काम करने लगा.



 



थोड़ी देर बाद जब भाभी आईं तो क्या मस्त माल लग रही थीं.



उनके मम्मे लाल रंग की रेशमी ब्रा से बाहर को निकले जा रहे थे; नीचे चूत पर कसी हुई पैंटी आग बरसा रही थी.



 



मैंने उन्हें ब्रा पैंटी में अपने सामने खड़ी देखा तो उठ कर खड़ा हुआ और अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया.



वे मुस्कुरा रही थीं और मेरे लंड को खड़ा होते देख रही थीं.



 



मैं उनके करीब आया और उनके बदन को चूमने लगा.



उनकी बगलों से आ रहे पसीने की आफिया मुझे पागल कर रही थी.



 



मैंने उनकी ब्रा खोली और दूध चूसने लगा.



वे बस आह आह कर रही थीं.



 



फिर मैं नीचे बैठ गया और अपने सामने खड़ी भाभी की पैंटी की इलास्टिक में उंगलियां फंसा कर उसे उतार दिया.



सामने भाभी की झांट रहित चिकनी चूत थी.



 



मैं आफिया की चूत को जीभ से चाटने लगा और होंठों से चूत की फाँकों को दबा कर चूसने लगा.



भाभी की चूत के दाने को अपने होंठों से पकड़ कर खींचा तो पर वे सिहर उठीं और उन्होंने मेरा सर तेजी से अपने पैरों से दबा लिया.



 



भाभी- उई … अम्मी मर गई … आह अब बर्दाश्त नहीं होता … आह जल्दी से चोद दो … चोद दो मुझे!



मैंने लंड उनकी चूत में डाल दिया और चोदने लगा.



 



पूरे कमरे में पच पच की आवाज आ रही थी.



 



मैंने भाभी की दोनों चूचियों को चूस चूस कर लाल कर दिया.



चूत में तेज तेज झटके देने लगा.



 



अपने एक हाथ की उंगली गीली करके उनकी गांड में डाल दी और गांड भी चोदने लगा.



उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.



 



मैं- भाभी आज आपकी गांड मारने का जी कर रहा है.



भाभी- नहीं यार … पहले मेरी चूत की प्यास बुझा दो … चोदो और तेज चोदो … उई … अम्मी ओह्ह्ह … मेरा रस निकलने वाला है.



 



मैं भाभी के दोनों चूचे पकड़ कर उन्हें पूरी ताकत से चोदने लगा.



भाभी के पैर कांप रहे थे.



 



मैं उनको अपनी गोदी में लेकर जोर जोर से चोदने लगा.



पूरे कमरे में अहह्ह ह की आवाज आ रही थी.



 



फिर भाभी को गोदी से उतार कर अपना लंड उनके मुँह में डाल कर मुँह चोदने लगा.



भाभी के मुँह से गुंग गुंग की आवाज आने लगी.



 



मैंने अपना लंड मुँह से निकाला और हॉट भाबी को सोफ़े पर लिटा कर चूत में डाल कर चोदने लगा.



 



हम दोनों पसीने से नहा गए थे.



भाभी को 69 की पोजीशन में करके कुछ देर चूत का रस चूसा और लंड उनके मुँह में डाल कर वापस उनकी चूत में लंड डाल दिया और ताबड़तोड़ चोदने लगा.



 



भाभी फिर से गर्मा गई थीं और उनके मुँह से वापस ‘आह … चोदो …’ की आवाज आने लगी थी.



 



मेरा अब निकलने वाला था तो मैं भाभी की कमर को पकड़ कर तेज तेज चोदने लगा.



और कुछ ही झटकों के बाद मैंने अपने लंड का सारा पानी भाभी की चूत में निकाल दिया और उन्हें कसके पकड़ कर उनके ऊपर ही लेटा रहा.



 



Xxx भाबी की चूत से पानी की धार निकल रही थी जो मुझे मेरी जांघों से बहती हुई महसूस हो रही थी.



 



मैं भाभी को गोदी में लेकर बिस्तर पर आ गया और लेट गया.



हम दोनों सो गए.



 



एक घंटा बाद उठ कर वापस चुदाई शुरू हो गई.



इस तरह सुबह तक तीन बार अलग अलग आसनों में मैं आफिया को चोदता रहा.



 



अब हॉट भाबी मेरे लौड़े का सुख जब तब लेने लगी थीं.



 



जिस दिन भाई को आना था, उसके एक दिन पहले आफिया भाभी ने मुझसे बिना कंडोम के चुदवाया था और मे



रे वीर्य को अपनी बच्चेदानी में ले लिया था.



 



अगले दिन भाई ने भी उनकी चूत में अपने लंड रस की बौछार की थी जिसे भाभी ने तुरंत ही साफ कर लिया था.



अब शायद उनकी कोख में मेरा ही बच्चा पल रहा है.



 



आने वाले समय में मैं बिन ब्याहा बाप बन जाऊंगा..



 



 

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